Monika garg

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लेखिनी वार्षिक लेखन प्रतियोगिता# मोबाइल का मायाजाल

अब बस करो गुनू ।सारा दिन मोबाइल आंखों के आगे रहता है तुम्हारे ।कभी इंस्टाग्राम कभी चेटिंग मै त़ग आ गयी हूं तुम्हारी इस लत से।" मां ने रसोई घर से चीखते हुए कहा।गुनगुन सारा दिन मोबाइल मे ही घुसी रहती थी ।अगर मां उसे किचन मे बुला लेती भी तो भी मोबाइल उसके हाथ मे होता।शादी होने वाली थी।इतनी सुन्दर होने के बाद भी ज्यादा मोबाइल चलाने से आंखों पर चश्मा चढ़ गया था।जिस की वजह से शादी मे काफी दिक्कत आयी । लेकिन ले दे कर रिश्ता हो ही गया।पर मां चाहती थी ये मुआ मोबाइल छोड़कर थोड़ा खाना बनाना अच्छे से सीख लें पर गुनगुन हर बार टाल जाती।अब मां भी कितना समझाती ।शादी की खरीददारी शुरू हो गयी थी पर गुनगुन का तो वही काम । कपड़ों की दुकान पर भी मोबाइल मे कुछ कुछ कर रही थी। मां ने कहा ,"अपनी पसंद का कपड़ा ले लो।"पर नही उसने मां को ही बोल दिया मां आप की पसंद अच्छी है आप ही पसंद कर लो मेरे लिए यह कह कर वह फिर मोबाइल मे घुस गयी।हद तो तब हो गयी जब जयमाल के बाद दुल्हन को फेरों से पहले कमरें मे लाया गया तब भी गुनगुन इंस्टा पर अपनी वेडिंग पिक्चर अपलोड कर रही थी। गुनगुन ने तो मोबाइल को ही अपनी जिंदगी बना लिया था।पहले मां को चिढ़ मचती थी अब शादी के बाद पति और सास को एक आंख ना सुहाता उसका यूं सारा दिन मोबाइल चलाना।
एक दिन वह किचन मे दूध उबाल रही थी ।हाथ मे मोबाइल था पता नही कब मे वह मोबाइल चलाते चलाते अपने कमरे मे आ गयी उसे ये ध्यान ही नही रहा कि गैस पर दूध उबलना रखा है । रसोईघर मे दूध उबल कर नीचेगैस पर गिर गया जिससे गैस बुझ गयी ।गैस का बर्नर तो आन था पर गैस बुझ गयी थी जिसका ये नतीजा निकला गैस घर मे फैलने लगी।जब गुनगुन को बदबू आयी तो वह किचन की तरफ भागी और डर के मारे कि कभी सास गुस्सा ना हो उसने लाइटर जला दिया एक तेज भभका उठा और गुनगुन को अपने लपेटे में ले लिया।पेसठ परसेंट गुनगुन जल चुकी थी। अस्पताल मे उसकी चीखें किसी से बर्दाश्त नही हो रही थी। थोड़ी ही देर बाद गुनगुन  की आत्मा ने उसका साथ छोड़ दिया ।आज गुनगुन की मां अपनी ही परवरिश पर शर्मिन्दा थी क्योंकि बचपन से ही  गुनगुन को दूध पिलाने से लेकर चुप कराने तक मोबाइल मे कार्टून लगा कर उसी ने तो दिए थे।जिस की सजा उस मासूम को अपनी जान देकर भुगतनी पड़ी 

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9 Comments

Simran Bhagat

01-Apr-2022 09:04 PM

👍🏻👍🏻

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Monika garg

02-Apr-2022 01:29 PM

धन्यवाद

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माँ बाप को अपने कर्तव्यों का बोध कराती हुई शानदार प्रेरक कहानी। 👌👌

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Monika garg

01-Apr-2022 05:23 PM

धन्यवाद

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आपकी यह छोटी सी लघुकथा अच्छे से बता रही है, की मोबाइल को ही अपनी दुनिया बना लेने से क्या हो सकता है। एक प्रेरक़ कहानी मैम 🙏🙏 गुनगुन, उसकी फीलिंग्स, डायलॉगस, माहौल सब कुछ बड़े ही कम शब्दों में बखूबी वर्णन किया आपने। 👏👏

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Monika garg

01-Apr-2022 05:24 PM

धन्यवाद

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